Sunday, October 14, 2012

लोकतंत्र के ड्रामे की एक और हकीकत बेनकाब

मज़दूरों को वोटर सूचियों में से बाहर रखने की साजिश का पर्दाफाश
लुधियाना: 14 अक्तूबर 2012 (लखविन्दर) पंजाब में वोटर कार्ड बनाऐ जा रहे हैं। इस बारे में जगह -जगह पर चुनाव कमीशन की तरफ से पोस्टर भी चिपकाए गए हैं। लोगों को दुनिया के सब से बड़े लोकतंत्र का हिस्सा बनने के लिए अपील की जा रही है। परन्तु ज़मीनी सच्चाई कुछ ओर ही है। लुधियाना के फोकल पुआइंट के गरीब लोग जो अपने वोटर कार्ड बनवाना चाहते हैं उनको बुरी तरह प्रेशान किया जा रहा है। राजीव गांधी कालोनी के हमारे दफ्तर में आज कुछ मज़दूर आए और उन्होंने बताया कि बिजली /पावरकोम दफ्तर में लोगों के फार्मों में नाजायज तौर पर गलतियाँ निकाल निकाल कर वापस भेजा जा रहा है और बहुत ही कम लोगों के फार्म स्वीकार किये जा रहे हैं। उन्होंने आगे शर्त रखी जा रही है कि जो कोई भी वोटर कार्ड बनवाना चाहता है वह अपने माता पिता के वोटर कार्ड की कापी भी फार्मों के साथ जमा करवाएँ। यह पूरी तरह गैरसविंधानक है। 18साल या इस से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति जो इस देश का नागरिक है वोटर कार्ड बनवाने का हकदार है। संवैधानिक तौर पर ऐसी कोई शर्त नहीं है कि उसके माँ -बाप या गार्डीयन का वोटर कार्ड पहले बना होना चाहिए। कारख़ाना मज़दूर यूनियन की तरफ से मौके पर पहुँच कर जांच पड़ताल की गई। वहाँ जा कर देखा कि जो चार अधिकारी फार्म रिसीव करने के लिए बैठे हैं वह मज़दूरों के साथ ठीक ढंग साथ बात नहीं कर रहे। मज़दूरों साथ इस ढंग साथ बात की जा रही थी जैसे कि मज़दूर कोई अपराधी हो। उन को अनावश्यक गलतियाँ निकाल कर वापस भेजा जा रहा था। इस सारी हालत देख कर कारख़ाना मज़दूर यूनियन के साथियों ने वहाँ मौजूद लोगों विरोध करन का न्योता दिया और सभी ने मिल कर नारेबाज़ी की। हमने माँग की कि हमें शर्तों के विवरन दिए जाएँ जिन के आधार पर वोटर कार्ड बनाने के लिए फार्म स्वीकार किये जा रहे हैं। उन्होंने एक कागज़ दिया जिस पर कि सभी शर्तें लिखीं गई थीं। इस फार्म में माँ -बाप के वोटर कार्ड की कापी लगाने की कोई शर्त नहीं थी। इस पर उन्होंने आधिकारियों ने चयन कमीशन की तरफ से जारी एक सर्कुलर में से यह शर्त पढ़ कर सुनाई गई। इस की कापी पहले तो उन्होंने दी नहीं (कहा गया कि यह अंदरूनी सर्कुलर है) परन्तु लोगों के ज़ोरदार विरोध करन पर यह कापी हासिल कर ली गई। 
कारख़ाना मज़दूर यूनियन का मानना है कि चयन कमीशन की तरफ से जारी किया गया यह सर्कुलर, लोगों के फार्मों में अनावश्यक गलतियाँ निकाल कर वापस भेजा जाना, लोगों साथ सीधे मुँह बात न किया जाना आदि सब एक साजिश के अंतर्गत हो रहा है। इस साजिश के अंतर्गत मंशा यह है कि कम से कम मज़दूरों के ही वोटर कार्ड बनने। इस का सबूत यह भी है कि वैसे तो चयन कमीशन की तरफ से फार्म जमा कराने का समय 1 अक्तूबर 2012 से लेकर 31 अक्तूबर 2012 तक का पूरे 31 दिन का समय रखा गया है परन्तु इस जगह पर इस समय दौरान केवल रविवार को ही फ़ार्म लिए जा राजे हैं अर्थात केवल चार दिन का अल्प समय ! हज़ारों मज़दूरों, जिन सभी की छुट्टी भी इतवार को नहीं होती बल्कि हफ्ते में अलग अलग दिन की छुट्टी होती है, के लिए चार इतवारों का समय रखा जाना यह दिखाता है कि मज़दूरों के वोटर कार्ड बनाने की वास्तव में मंशा ही नहीं है। इस साजिश पीछे कौन है यह ज़रूर सामने आना चाहिए।
हम यह मुद्दा कल को डी.सी. दफ्तर में लगाए जा रहे धरने दौरान ज़ोरदार ढंग साथ उठाएंगे। हमारी माँग है कि माँ -बाप के वोटर कार्ड की कापी साथ लगाए जाने की शर्त हटाई जाये, जो भी व्यक्ति उम्र और स्थान सम्बन्धित ज़रुरी दस्तावेज़ जमा करवाता है उस का वोटर कार्ड बनाया जाये, लोगों को अनावश्यक परेशान करना बंद किया जाये, फार्म जमा कराने की समय -सीमा एक महीना बढाई जाये और रोज़ाना की प्रात:काल 9 से 5 बजे तक फार्म स्वीकार किये जाएँ। गैरकानून्नी सर्कुलर के लिए जि़म्मेदार आधिकारियों को सस्पैंड किया जाये। 

लखविन्दर कारख़ाना मज़दूर यूनियन के संचालक हैं !

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