Wednesday, November 21, 2012

कुपोषण के आंकड़े सतर्क करने वाले: राष्‍ट्रपति

राष्‍ट्रपति ने की कुपोषण के खिलाफ अभियान की शुरूआत 
कुपोषण के खिलाफ लड़ाई प्रत्‍येक परिवार और व्‍यक्ति तक पहुंचे: श्रीम‍ती कृष्‍णा तीरथ ने मीडिया से की खासतौर से अपील 
राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने कल कुपोषण के खिलाफ राष्‍ट्रव्‍यापी आईईसी अभियान की शुरूआत की। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने कुपोषण के खिलाफ अभियान चलाने की पहल की है। 

इस अवसर पर महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्‍णा तीरथ के अलावा मानव संसाधन विकास मंत्री श्री एम.एम. पल्‍लम राजू, संयुक्‍त राष्‍ट्र की अनेक एजेंसियों के प्रतिनिधि, अभिनेता श्री आमिर खान, गीतकार और पटकथा लेखक श्री प्रसून जोशी, सिविल सोसायटी के सदस्‍य और अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे। 

कुपोषण के आंकड़ो को चिंता का विषय बताते हुए राष्‍ट्रपति ने कहा कि हमें ऐसे समय पर अधिकतम प्रयास करने चाहिए जब भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था मजबूत सकारात्‍मक विकास के पथ पर है। ये आंकड़े सतर्क करने वाले हैं और इस बात के महत्‍व को दर्शाते है कि कुपोषण के खिलाफ संगठित अभियान चलाने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि जब तक हम अपने बच्‍चों और उनकी माताओं के लिए अच्‍छा पोषण और स्‍वास्‍थ्‍य सुनिश्चित नहीं करेंगे तब तक हम निरंतर और समग्र विकास के लक्ष्‍य को हासिल नहीं कर सकते। हमें कुपोषण रोकने को सर्वोच्‍च प्राथमिकता देनी होगी।

राष्‍ट्रपति ने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए कुपोषण के विभिन्‍न पहलुओं के बारे में लोगों में जागरूकता को बढ़ाना होगा और विभिन्‍न कार्यक्रमों के बारे में अलग से जागरूकता फैलानी होगी। उन्‍होंने उम्‍मीद जाहिर की कि इस अभियान से परिवारों, समुदायों और अन्‍य साझीदारों को न केवल कुपोषण को समझने में मदद मिलेगी बल्कि वे बेहतर जानकारी के साथ मिलकर कार्य भी कर सकेंगे। 

महिला और बाल विकास मंत्री श्रीम‍ती कृष्‍णा तीरथ ने कहा कि इस अभियान से समाज में महिलओं और बच्‍चों में अधिक संवेदनशीलता और व्‍यवहारिक बदलाव आयेगा। जिससे लोग अपनी जिम्‍मेदारियों को समझते हुए अपनी जिम्‍मेदारियों का निर्वहन कर सकेंगे। उन्‍होंने इच्‍छा जाहिर की कि कुपोषण के खिलाफ संघर्ष प्रत्‍येक आंगनवाड़ी केंद्र से लेकर प्रत्‍येक परिवार और प्रत्‍येक व्‍यक्ति तक पहुंचे। उन्‍होंने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया कि जागरूकता अभियान में नीति में बदलाव पर जोर दिया जायेगा और इससे बच्‍चों, किशोरों, गर्भवती और स्‍तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण को रोकने और उसे खत्‍म करने में मदद मिलेगी। उन्‍होंने मीडिया से खासतौर से अपील की कि वे इस अभियान को आम आदमी तक पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभाये। 

इस अभियान की शुरूआत पर श्री आमिर खान ने इसे जानकारी हासिल करने वाला अनुभव बताया। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि ‘’अगर हमारे बच्‍चे स्‍वस्‍थ नहीं होंगे तो हम विकास के पथ पर आगे नहीं बढ़ पायेंगे’’। उन्‍होंने कहा कि आज यह जरूरी है कि देश कुपोषण से मुकाबला करे। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि यह अभियान इतनी जागरूकता पैदा कर देगा कि भारत कुपोषण से मुक्‍त हो जायेगा।

श्री आमिर खान लोगों से जुड़ेंगे और कुपोषण के प्रभाव और इसे रोकने तथा कम करने के आसान तरीकों के बारे में जागरूकता फैलायेंगे। शिशुओं और छोटे बच्‍चों के खान-पान और उनकी देखभाल के बारे में 18 विभिन्‍न भारतीय भाषाओं में टेलीविजन रेडियो और प्रिंट मीडिया पर विज्ञापन के रूप में संदेश दिये जायेगे। 

श्री प्रसून जोशी ने कहा कि इस अवधारणा को शुरू करना काफी कठिन था क्‍योंकि यह एक जटिल समस्‍या है जिसके बारे में आसान कदम उठाकर प्रचार करने की जरूरत है। 

यूनीसेफ के कंट्री हैड श्री लुई जोर्ज आर्सनॉल्‍ट ने यूनीसेफ की लम्‍बी भागीदारी की चर्चा की और सरकार के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जाहिर की। उन्‍होंने कुपोषण से निपटने में सरकार के प्रयासों की सराहना की। (PIB)
 20-नवंबर-2012 12:08 IST

मीणा/कविता/सुमन – 5401

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