02-सितम्बर-2014 19:44 IST
श्रमिकों में से 50 फीसदी को नहरों के काम में लगाया जाएगा
एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए मंत्री ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकार के कार्यों के लिए दिहाड़ी श्रमिकों और मशीनरी के संयोजन की आवश्यक होती है। इसमें कुशल घटकों की भागीदारी 49 फीसदी तक बढ़ गई है। कुशल भागीदारी को 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत किए जाने का प्रावधान राज्यों को अधिकार संपन्न बनाता है। यदि वे चाहें तो चेक डेम, छोटे सिंचाई तालाबों का काम मशीन से कर सकते हैं और बाकी 51फीसदी का भुगतान वो दिहाड़ी मजदूरी के रुप में कर सकते है।
मंत्री ने आगे कहा कि यदि राज्य कुशल भाग को 40 फीसदी तक सीमित रखना चाहते हैं तो वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। संसद सदस्यों और जल संरक्षण से जुड़े राजेंद्र सिंह और पोपट राव पंवार जैसे गैर सरकारी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने इन बदलावों का स्वागत किया है। उनका कहना है कि मनरेगा में इस प्रकार के बदलावों के जरिए जल संरक्षण के लिए ढ़ांचा विकसित होगा जो सूखे और जल संकट से निपटने में मदद करेगा।
मंत्री ने ग्रामीण विकास मंत्रालय को निर्देश दिया है कि राज्य सरकारों को किए जाने वाले सभी कोष हस्तांत्रण ई-पेमेंट प्लेटफॉर्म के जरिए समय से किए जाएं जिससे कि मजदूरी के भुगतान में एक सप्ताह से अधिक की देरी नहीं हो। (PIB)
विजयलक्ष्मी कासोटिया/एएम/एनए-3473
श्रमिकों में से 50 फीसदी को नहरों के काम में लगाया जाएगा
एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए मंत्री ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकार के कार्यों के लिए दिहाड़ी श्रमिकों और मशीनरी के संयोजन की आवश्यक होती है। इसमें कुशल घटकों की भागीदारी 49 फीसदी तक बढ़ गई है। कुशल भागीदारी को 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत किए जाने का प्रावधान राज्यों को अधिकार संपन्न बनाता है। यदि वे चाहें तो चेक डेम, छोटे सिंचाई तालाबों का काम मशीन से कर सकते हैं और बाकी 51फीसदी का भुगतान वो दिहाड़ी मजदूरी के रुप में कर सकते है।
मंत्री ने आगे कहा कि यदि राज्य कुशल भाग को 40 फीसदी तक सीमित रखना चाहते हैं तो वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। संसद सदस्यों और जल संरक्षण से जुड़े राजेंद्र सिंह और पोपट राव पंवार जैसे गैर सरकारी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने इन बदलावों का स्वागत किया है। उनका कहना है कि मनरेगा में इस प्रकार के बदलावों के जरिए जल संरक्षण के लिए ढ़ांचा विकसित होगा जो सूखे और जल संकट से निपटने में मदद करेगा।
मंत्री ने ग्रामीण विकास मंत्रालय को निर्देश दिया है कि राज्य सरकारों को किए जाने वाले सभी कोष हस्तांत्रण ई-पेमेंट प्लेटफॉर्म के जरिए समय से किए जाएं जिससे कि मजदूरी के भुगतान में एक सप्ताह से अधिक की देरी नहीं हो। (PIB)
विजयलक्ष्मी कासोटिया/एएम/एनए-3473
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